नैनीताल ::- जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पटवडांगर में शनिवार को राजकीय मौन पालन केन्द्र, ज्योलीकोट के सौजन्य से 06 दिवसीय मौन (मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मौन पालन विषयक कार्यक्रम में व्याख्यान श्रंखला के अंतिम व्याख्यान में राजकीय मौन पालन केन्द्र, ज्योलीकोट की वैज्ञानिक डॉ.रश्मि जोशी ने कहा कि किसान ही नहीं बल्कि हर इच्छुक व्यक्ति मौन पालन व्यवसाय व सही विपणन के जरिए अपनी आय बढ़ा सकते हैं।उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष फरवरी व मार्च मौन पालन के लिए सबसे उपयुक्त माह है। डॉ.जोशी ने मधुमक्खी के छत्ते में रानी मधुमक्खी, मादा मधुमक्खी व ड्रोन मधुमक्खी की कार्यप्रणाली व व्यवहार पर प्रकाश डाला। डॉ.रश्मि जोशी ने परागकण इकत्रित करने व इनके लिए प्रतिकूल मौसमन में कृत्रिम भोजन बनाने की विधि पर चर्चा की व मधुमक्खियों में होने वाली बीमारियों व परजीवियों, इसके कारण व निवारण पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्हानें कहा कि शहद मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक है कि इसके भरपूर मात्रा विटामिन्स व मिनरल्स पाय जाते हैं व रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। वर्तमान में देश में मधुक्खी के शहद की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। उन्होनें कहा कि कीटनाशक के प्रयोग से मधुमक्खी परागकण से पौधों व फूलों को पॉलीनेशन प्रकिया से निषेचित करते है व कीटनाशक के प्रयोग से इनकी संख्या गिरावट हो रही है जिस कारण भोजन श्रंखला प्रभावित हो रही है। उन्होनें मधुमक्खी की प्रजाति “सेरेना इंडिका” व ” एपिस मेलिफेरा” पर चर्चा की। डा० रशिम जोशी ने कहा कि परागकण टैप पर चर्चा की व कहा कि परागकण मे 90 प्रतिशत प्रोटीन होता है व बच्चों को इसके सेवन से लाभ पहुंचता है।
हरीश चन्द्र दुबडिया, मधु विकार निरीक्षरण ने इसके उपरांत मौन पालन के लिए बॉक्स, मोम शीट स्थापित करने, शहद प्रसंस्करण व शहद निकालने के लिए उपकरणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उन्होनें मधुमक्खी की विभिन्न प्रजातियों, इनके छत्ते के प्रकार व इनके पालन के लिए बॉक्स के डाइमेन्शन व माइग्रेशिन पर भी चर्चा ।
उक्त कार्यक्रम उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ.संजय कुमार के निर्देशन में आयोजित किया जा गया था है इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक पटवाडांगर संस्थान के प्रभारी डॉ.सुमित पुरोहित थे। इस कार्यक्रम में 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
इस दौरान कार्यक्रम का संचालन पटवाडांगर संस्थान की शोधार्थी आरती बिष्ट ने किया। इस अवसर पर अजय सिंह, हिम्मत सिंह, संत राम सरिता देवी, हरीश आर्या व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
नैनीताल : जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पटवडांगर में 06 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
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