अल्मोड़ा ::- एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के शिक्षा संकाय में पांच दिवसीय सामुदायिक कार्यशाला का आयोजन 21 मार्च से 25 मार्च तक किया गया। कार्यशाला की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. भीमा मनराल द्वारा दीप प्रज्वलन कर तथा विशिष्ट अतिथि को बैच अलंकरण तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया गया। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य शोध एवं सामाजिक जागरूकता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो. भीमा मनराल के दिशा निर्देशन मे किया गया जिसमें विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रो. जीएस नयाल, प्रो. जेएस बिष्ट, डॉ. दीपा जलाल, डॉ. सरिता पाण्डे और प्रो. मधु नयाल सम्मिलित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापिका सरोज जोशी और ललिता रावल के द्वारा किया गया। प्रत्येक दिवस की शुरूवात एमएड तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के द्वारा विगत दिवस का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर की गई। प्रत्येक दिवस दो सत्रों में विभाजित किया गया था, जिसमे पहला सत्र मुख्यतः शोध पर आश्रित रहा और दूसरे सत्र में विद्यार्थी विभिन्न सामाजिक विषय एवं उनके निवारण में भावी शिक्षकों की भूमिका से रूबरू हुवे। विभिन्न विषयों के विषय विशेषज्ञ विशिष्ट अतिथिगण के रूप में उपस्थित रहें। प्रोफेसर जेएस बिष्ट ने एमएड छात्रों को साइबर क्राइम एवं सिक्योरिटी के बारे में बताते हुवे उन्हें जागरूक किया और उनके द्वारा छात्रों को भावी शिक्षकों में नेतृत्व के गुण तथा भूमिका के विषय में भी आख्यान के माध्यम से बताया गया।
डॉ. दीपा जलाल, डाइट प्रवक्ता ने हैप्पीनेस के विभिन्न आयामों को प्राथमिक विद्यालय में चल रहे आनंदम पाठ्यक्रम के माध्यम से बताया। हैप्पीनेस को जीवन में उतारने के लिए और बतौर शिक्षक छात्रों को विद्यालय में विद्यार्थियों को प्रसन्न रखने के लिए उपायों से डॉ. सरिता पांडे द्वारा छात्रों को अवगत कराया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिवस प्रोफेसर मधु नयाल द्वारा छात्रों को ’कोपिंग विथ स्ट्रेस’ प्रकरण के अंतर्गत छात्रों में तनाव के कारण और उसकी पहचान बताई गई। उन्होंने छात्रों को तनाव से मुक्त होने के उपायों को कई गतिविधियों के माध्यम से बताया।
कार्यशाला में विद्यार्थियों द्वारा कई गतिविधियां जैसे नुक्कड़ नाटक, भूमिका निर्वाह, प्रस्तुतिकरण इत्यादि में प्रतिभाग किया गया। जिसमे एमएड के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।