ऋषिकेश ::- सोच आर्गेनाइजेशन द्वारा पढ़ाई के अलावा बच्चों की रचनात्मक क्षमता के विकास के लिए गाँव-गाँव जाकर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है ।
गाँव का हर बच्चा पढ़ने के लिए शहर नहीं आ सकता इसलिए सोच संस्था द्वारा गाँव गांव में जाकर बच्चों को कहानियाँ, कविताओं, अभिनय, चित्रकला, संवाद आदि को बताकर, सिखाकर और इन्ही के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए सोच एक मिशन लेकर चल रही है।

उत्तराखंड के अलग-अलग ज़िलों में उत्तरकाशी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, अल्मोड़ा , पौड़ी आदि जो पहाड़ में रहकर पहाड़ को सच्चाई से समझने वाले शायद ये बच्चे कल पहाड़ के दर्द को, ख़ुशियों को, मुस्कानों को, ठहाकों को उसी सच्चाई से प्रस्तुत कर सकें।
इसके साथ ही सोच संस्था अपनी पहचान को आगे लाने के लिए पहाड़ी डॉल जुन्याली स्टार्टअप के तहत लॉन्च किया गया है। जुन्याली को बाजार में उतारने से पहले फियोंली एंड पाइन कंपनी की स्थापना की। इस डॉल को बच्चों के साथ बड़ों का प्यार मिल रहा है। जो कई लोगों को रोजगार भी दें रहा है।
इस दौरान सोच सदस्य शुभम रावत, अपूर्व शर्मा एवं अध्यक्ष दीप नेगी रहें।
