मालधनचौड़ /रामनगर::- राजकीय महाविद्यालय मालधनचौड़ में प्राचार्या डॉ. सुशीला सूद के निर्देशन में एंटी ड्रग सेल के तत्वधान में नशा और आत्महत्या का संबध विषय पर परिचर्चा तथा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में डॉ.भीमराव अंबेडकर और समाज विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में एंटी ड्रग सेल के नोडल अधिकारी और हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. खेमकरण सोमन ने भीमराव अंबेडकर की किताब जाति का विनाश का संदर्भ देते हुए कहा कि जाति ने समाज और संस्कृति को पीछे ले जाकर उन्हें दूषित करने का कार्य किया है। सदियों से चली आ रही जाति व्यवस्था या इस कुदृष्टि के कारण संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी अपने जीवन में भारी अपमान का शिकार होना पड़ा। ऐसे में एकतामूलक-समतामूलक समाज निर्माण में अपनी स्वस्थ भूमिका निर्वहन के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर हमेशा ही समाज के सर्वोपरि नायक हैं और भविष्य में भी रहेंगे। इसलिए बाबा साहेब जैसे विद्वानों पर केवल एक ही समुदाय का नहीं अपितु संपूर्ण समाज और देश का अधिकार होता है। आज बाबा साहेब के जीवन चरित्र से सीखकर खुद को सुंदर इंसान बनाने का समय है। यह मानसिकता ही उच्च समाज निर्माण की भूमिका तैयार करेगी।
प्रो.आनंद प्रकाश ने डॉ.भीमराव अंबेडकर के जीवन उपलब्धि और संविधान निर्माण की प्रक्रिया प्रकाश डाला।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सुशीला सूद ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन चरित्र बड़ा ही अनुकरणीय हैं। उनके तीन मंत्र कि शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो के मार्ग पर चलकर ही देश में एकता आएगी। तभी हम सब भी उनकी ही तरह समाज के दबे, कुचले तथा गरीब लोगों के हित के लिए कुछ सक्षम कर पाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. मनोज कुमार ने किया। इस अवसर पर में डॉ. आनंद प्रकाश, प्रो. प्रदीप चंद्र, विशाखा, श्वेता, नेहा कुमारी, दीक्षा, नेहा, करिश्मा, संजना, मेनका, ज्योति, खुशी, संजय कुमार, अंकिता, निशा, सुहानी, आकाशदीप, समुन्दर सिंह और अमित कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।