पिथौरागढ़::- अंधाधुंध पहाड़ियों के कटान के कारण बरसात के दौरान प्रशासन ने घाट पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड में यातायात बन्द करने के निर्णय लिया है। टनकपुर- तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग में घाट से पिथौरागढ़ 30 किलोमीटर का यह क्षेत्र बरसात में आपदा ग्रस्त इलाका बन जाता है जिससे सीमांत के लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क पर आवागमन करते है लेकिन अब जनता की सुरक्षा के लिए तेज बारिश होने पर इस रोड में यातायात रोक दिया जाएगा । जिससे इस राष्ट्रीय राजमार्ग का नाम ऑल वेदर नाम रखने को लेकर आलोचनाएं भी शुरू हो गयी है ।
टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग के घाट से लेकर पिथौरागढ़ तक के हिस्से को सीमांत जिले की लाइफ लाइन कहा जाता है। इसका कारण यह है कि यही सड़क पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लेकर चीन और नेपाल से सटे धारचूला को मैदानी क्षेत्रों से जोड़ती है। 30 किलोमीटर लंबी पिथौरागढ़-घाट सड़क अब बारहमासी बन चुकी है। इसके बावजूद दरकती पहाड़ियों के कारण सीमांत की इस जीवनरेखा के बरसात में बंद होने का क्रम नहीं थमा है। पिछले साल मलबा आने से 20 से अधिक बार सड़क में यातायात ठप होने से पिथौरागढ़ का शेष जगत से संपर्क कट गया था।
150 किमी लंबी पिथौरागढ़-टनकपुर ऑल वेदर सड़क में कई भूस्खलन संभावित क्षेत्र हैं जिसमें हर वक्त दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। मानसून काल में इन भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में भूस्खलन होने से सड़क कई जगह बंद हो जाती है। इस कारण पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में हफ्तों तक आवश्यक सामान नहीं मिल पाता है।बारिश के मौसम में जान माल के नुकसान को कम करने के लिए पिथौरागढ़ ज़िलाधिकारी ने तेज बारिश के दौरान इस सड़क पर यातायात बन्द करने के निर्देश दिए है।
