पिथौरागढ़ उत्तराखंड राज्य का एक सुन्दर शहर है इसका पुराना • नाम सोट घाटी था। सोर का अर्थ होता है सरोवर। कुछ लोगों का मानना यह है कि इस घाटी में सात सरोसर थे। किसी कारण के से इन सरोवरो का पानी सूखता चला गया और यहा पर पठारी भू का जन्म हुआ। पठारी भूमि होने के कारण इसका नाम पिथौरागढ़ पड़ा। पर अधिकांश लोगों का कहना यह भी है कि यहाँ राय पिथेरा ( पृथ्वीराज चौहान) की राजधानी थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम पिथौरागढ़ पड़ा।

पिथौरागढ़ का इतिहास
पिथौरागढ़ देवभूमि उत्तराखंड राज्य का एक नगर है जो कि उत्तराखंड राज्य के पूर्व में स्थित सिमांतर जनपद है इस जिले के उत्तर में तिब्बत पूर्व में नेपाल दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व में अल्मोड़ा एवं उत्तर पश्चिम में चमोली ज़िले पड़ते हैं पिथौरागढ़ का पुराना नाम सोरघाटी है। सोर शब्द का अर्थ होता है सरोवर। यहाँ पर माना जाता है कि पहले इस घाटी में सात सरोवर थे। सरोवर में पानी सूखने से इस स्थान में पठारी भूमि का जन्म हुआ जिससे इस जगह का नाम पिथोरा गढ़ पडा और यह भी माना जाता है कि मुगलों के शासन काल में उनकी भाषा की दिक्कतों के चलते इसका नाम पिथौरागढ़ पड़ गया पिथोरागढ़ का इतिहास काफी पुराना है इसके इतिहास के बारे में आम तौर पर दो कहानी बताई जाती है पिथौरागढ़ ; जिसे मिनी कश्मीर भी कहा जाता हैनेपाली राजा पाल नाम के राजा के अधीन था। जो कि 13 वी शताब्दी में पिथौरागढ़ पहुचे और उसके बाद पिथौरागढ़ में शासन करना शुरू कर दिया स्थानीय राजा चंद ने उनके खिलाफ विद्रोह किया और पाल और चंद के बीच एक युद्ध आरम्भ हो गया यह युद्ध तीन पीढ़ियों तक • जारी रहा जिसमें कभी कभी पाल का शासन होता था और कभी कभी चंद के राजा इस राज्य पर शासन करते थे।
आखिरकार चंद वंश के राजा पिथोरा चंद ने पाल को हरा दिया और पिथौरागढ़ के राजा बन गए इस प्रकार इस जगह का नाम पिथौरागढ़ के राजा के नाम पर रखा गया और पिथौरागढ़ में जीत हासिल करने के बाद उन्होंने अपना किला स्थापित किया जिसे अब वर्तमान समय में तहसील कहा जाता है लेकिन इस्ट इंडिया कंपनी के भारत में आगमन के तुरंत बाद राजा पिथोराचंद का शासन समाप्त हो गया और आखिरकार अंग्रेजो ने आज़ादी तक पिथोरागढ़ में शासन किया पिथौरागढ़ के रूप में ज्यादातर लोग पहाड़ी मूल के रहने वाले थे लेकिन आजादी से पहले कई जगहों से कई लोग उदाहरण के लिए कुछ लोग राजस्थान से आए कुछ लोग महाराष्ट्र नेपाल बर्मा बैंगलोर आदि से आए।
पिथौरागढ़ का नाम पृथ्वीराज चौहान के नाम पर
पिथोरागढ़ के इतिहास के सम्बन्ध में अच्छी कहानी बताने वालो का यह कहना है कि पिथोरागढ़ का नाम राजा पृथ्वीराज चौहान के नाम पर रखा गया है जो दशको से पिथोरागढ़ में शासन करता था लेकिन चौहान राजपूत द्वारा पृथ्वीराज चौहान के नाम पर शहर की कहानियां लोककथाओं का हिस्सा हैं।
श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते समय यहा विश्राम किया करते थे
पिथौरागढ़ के इतिहास के बारे में यह बात भी मानी जाती थी कि श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते समय यहा विश्राम किया करते थे। पिथौरागढ़ के इतिहास को लेकर अलग-अलग कहानी प्रसिद्ध हैं। एटकिंस के अनुसार- चंद वशं के सामंत पीरू भाई गोसाई ने पिथौरागढ़ की स्थापना की थी। चंद वंश के राजा भारती चंद के शासनकाल ; वर्ष 1437 से 1450 में उनके बेटे रत्न चंद ने नेपाल के राजा दोती को परास्त कर सोर घाटी पर कब्ज़ा करा था इसके बाद 1449 में इसे कुर्मांचल में मिला लिया रत्न चंद के शासन काल में पीरू या पृत्वी गोसाई ने पिथौरागढ़ नाम से इस स्थान पर एक किला स्थापित किया और बाद में किले के नाम पर ही इस जगह का नाम पिथौरागढ़ पड गया पिथौरागढ़ के इतिहास में महान शासक पृथ्वी राज चौहान का नाम भी आता है इतिहासकारों के अनुसार पृथ्वीराज चौहान ने जब अपने राज्य का विस्तार किया तो उन्होंने इस इलाके को अपने राज्य में मिला लिया और इस क्षेत्र को राय पिथौटा नाम दिया राजपूतों के शासन का यह नियम रहा है कि वो जिस इलाके पर कब्जा करते थे उसका नाम खुद रखते थे आगे चलकर चंद वंश और कत्यूरी राजाओं के काल में यह नाम पृथीगढ़ हो गया बाद में मुगलों के शासन काल में उनकी भाषा की दिक्कतों के चलते इसका नाम पिथौरागढ़ पड़ गया
पिथौरागढ़ में अलग अलग समय में कई राजवंश राजाओं ने राज किया पृथ्वीराज चौहान से पहले इस राज्य में खस वंश के राजाओ का शासन चलता था उसके बाद 1364 में इस राज्य में कचुड़ी वंश ;पाल.मल्लासारी वंश का उदय हुआ 14वी सदी के अंत में पिथौरागढ़ में कचुड़ी वंश के राजाओ ने राज्य किया और अपने राज्य को पिथौरागढ़ से अस्कोट तक फैला दिया था।
पांडव भी वनवास के समय पिथौरागढ़ आये थे
पिथौरागढ़ का संबंध पांडवों से भी है अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान पांडव इस इलाके में भी आए थे पिथौरागढ़ में पांडु पुत्र नकुल को समर्पित एक मंदिर भी है जिसका नाम नकुलेश्वर मंदिर है उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध हिलस्टेशन के रूप में पिथौरागढ़ का भी एक मुख्य स्थान है।