पिथौरागढ़ ::- विकास भवन सभागार में मंगलवार को प्राकृतिक या मानव जनित आपदा से निपटने के लिए इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला जिलाधिकारी रीना जोशी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कार्यशाला में विशेषज्ञ बीबी गणनायक द्वारा प्रदेश में पूर्व में घटित हुई आपदाओं का चित्रों के माध्यम से सजीव वर्णन करते हुए बताया गया कि आपदा के दौरान क्या- क्या परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं उन परिस्थितियों से निपटने के लिए किस प्रकार की पूर्व तैयारी रखी जाए। उन्होंने आईआरएस के तहत प्लानिंग सेक्शन, लॉजिस्टिक सेक्शन एवं ऑपरेशन सेक्शन के तहत सम्पादित होने वाले कार्यों की जानकारी देते हुए अधिकारियों को उनके दायित्वों के बारे में बताया।
वहीं मॉक अभ्यास 6 रिएक्टर स्केल का भूकंप आना दर्शाया गया। जहां पर एक स्कूल भवन में 35 लोगों के दबे होने की सूचना के माध्यम से अधिकारियों ने अपनी कार्य क्षमता को भी परखा।
मॉक अभ्यास में जनपद के कुमौड़ क्षेत्र में 6 रिएक्टर स्केल का भूकंप आना दर्शाया गया। जहां पर एक स्कूल भवन में 35 लोगों के दबे होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होते ही सभी अधिकारी जिला कंट्रोल रूम पहुंचे। जहां पर जिलाधिकारी/ रिस्पांसिबल ऑफिसर के मार्गदर्शन में प्लानिंग सेक्शन द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के बावत प्लानिंग की गई। प्लानिंग के अनुसार लॉजिस्टिक एरिया पुलिस लाइन में रेस्क्यू संसाधनों को जुटाया गया। जहां से रेस्क्यू टीमें संसाधनों के साथ घटनास्थल को रवाना हुई तथा त्वरित गति से राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम दिया गया।
मॉक अभ्यास के बाद जिलाधिकारी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी आपदा के घटित होने पर तुरंत प्रतिक्रिया दिया जाना बेहद जरूरी है। इससे हम जानमाल की क्षति को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने की पूर्व प्लानिंग से हमें निश्चित रूप से ही बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। उन्होंने सभी विभागों को उपलब्ध मानव व अन्य संसाधनों का भी ब्यौरा एकत्रित रखने के निर्देश दिए।