अल्मोड़ा ::- एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोडा के हरेला पीठ द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत और यू सर्क के सहयोग से वनस्पति विज्ञान विभाग में व्याख्यान माला आयोजित् हुई।
इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय के DRDO संस्थान के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. प्रेम सिंह नेगी ने टिशू कल्चर (ऊतक संस्कृति) पर एवं गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक संदीपन मुखर्जी ने जलवायु परिवर्तन पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने ऊतकों के बारे में जानकारी दी। टिशू लैब स्थापित करने के लिए आवश्यक सावधानियां, टिश्यू कल्चर से आर्थिकी गतिविधियों को बेहतर बनाने के तरीके, मेडिशनल प्लांट्स, फ्लोरी कल्चर को सरल शब्दों में बताया। उन्होंने कहा कि जैनेटिक इंजीनियरिंग के तहत हम टिश्यू कल्चर को बढ़ावा दे सकते हैं। हम इसके सहारे कुछ ही समय में नए प्लांट्स विकसित कर सकते हैं।
व्याख्यानमाला के दूसरे सत्र में एनआर डीएमएस के निदेशक डॉ.नंदन सिंह बिष्ट ने सत्र संचालन एवं आभार डॉ. मंजुलता उपाध्याय ने किया। इस सत्र में व्याख्यानदाता रूप में गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक संदीपन मुखर्जी ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण परिवर्तन होने से हिमालय प्रभावित हुआ है। उसके साथ जैव विविधता नष्ट हो रही है। वनों में आग लगने, आपदा आने से भी वन भूमि समाप्त हो रही है। उन्होंने जैव विविधता बनाये रखने के लिए हरेला महोत्सव जैसे कार्यक्रमों को आवश्यक बताया।
पूर्व विभागाध्यक्ष बलवंत कुमार ने कि हरेला पीठ के तहत हम पर्यावरण संरक्षण करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर हरेला पीठ के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट, डॉ. धनी आर्या, डॉ.सुभाष चंद्रा, डॉ.मंजुलता उपाध्याय, डॉ. मनीष त्रिपाठी, डॉ. रवींद्र कुमार, डॉ.ललित जोशी , प्रमोद भट्ट, रमेश, नंदा बल्लभ सनवाल आदि सहित वनस्पति विज्ञान विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।