कुमाऊंनी भाषा को संरक्षित करने की पहल पिथौरागढ़ जिले से शुरू हुई एक दिन पूर्व कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का आज समापन हो गया है।
आपको बता दें कि बढ़ती आधुनिकता से साथ धीरे धीरे सिमटते जा रही कुमाऊंनी भाषा को संरक्षित करने की पहल पिथौरागढ़ जिले से शुरू की गई है जिसके तहत उत्तराखंड में कुमाऊंनी भाषा को देश के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के मकसद से पिथौरागढ़ जिले में पहला कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का आयोजन किया गया है,जिसमें उत्तराखंड के जाने माने साहित्यकारों ने प्रतिभाग कर कुमाऊंनी भाषा के प्रचार-प्रसार और इसके संरक्षण पर अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये ,

जिसमें कुमाऊं में बोली जाने वाली भाषाओं को एक मंच में लाकर इन्हे कुमाऊंनी भाषा का दर्जा देने के सम्बन्ध में चर्चा हुई ,साथ ही जिससे कुमाऊंनी बोली को एक नई पहचान भी मिल सके।