महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के समक्ष कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने विश्वविद्यालय द्वारा डेवलप किए गए ईआरपी सॉफ्टवेयर सिस्टम के विभिन्न मॉड्यूल को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के ईआरपी सेल के प्रभारी केके पांडेय द्वारा नवीन, स्थाई, अस्थाई संबद्धता एवं संबद्धता विस्तारण में लिए डेवलप किए गए एफिलिएशन मॉड्यूल की लाइव प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य विश्वविद्यालयों में भी पेपरलेस सिस्टम को अपनाने पर जोर दिया।
इस दौरान राजभवन से संबंधित गतिविधियों के डिजिटाइजेशन एवं ईआरपी सॉफ्टवेयर सिस्टम पर चर्चा भी की गई। राज्यपाल ने कहा कि सेवाओं का डिजिटलीकरण आर्थिक विकास को गति देता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस माडयूल को एक कारगर मॉडल बनाते हुए हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों को डिजिटलीकरण को व्यावहारिक रूप से बढ़ावा देना चाहिए। आज दुनियाभर में डिजिटल तकनीक एक ‘सामान्य उद्देश्य’ के रूप में उभर रही है यानी एक ऐसी तकनीक जो लगातार रूपांतरित होती है, तेजी से बढ़ती है और हर क्षेत्र में उत्पादकता लाभ को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि अगले दशक के लिए एक अलग सोच और योजना की जरूरत है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों को तकनीकी क्रांति के बारे में समझना और उसे स्वीकार करना चाहिए।
महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह द्वारा इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एनके जोशी एवम ईआरपी सेल के प्रभारी केके पांडेय को केदारनाथ धाम के प्रतीक चिन्ह से सम्मनित भी लिया गया।