Saturday, June 3, 2023
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अल्मोड़ा : नई शिक्षा नीति की तहत आरोही व 100 डेज़ रीडिंग केम्पेन के जरिये बच्चो को सिखाए जाएंगे नई तकनीक से लिखने व पढ़ने के गुर

भारत में लगभग 35 वर्षों के बाद 1986 में तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के स्थान पर वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्थान ले रही है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं का क्रियान्वयन विद्यालय स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक प्रारंभ हो चुका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रमुख कार्यक्रम ‘निपुण भारत’ ( नेशनल इनिशिएटिव फ़ॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग अंडर स्टैंडिंग इन न्यूमेरेसी) प्रारंभ किया गया है। इसी के दृष्टिगत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों में मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी ) के कौशल को विकसित करने के लिए विशेष जोर दिया गया है । जिसके अंतर्गत ‘निपुण भारत का सपना सब बच्चे समझें जिसमें भाषा और गणना’ की संकल्पना की गई है। प्राथमिक शिक्षण की महत्ता को देखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेख किया गया है कि सर्वोच्च प्राथमिकता 2025 तक प्राथमिक और उससे आगे सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करने की होनी चाहिए।


निपुण भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य 3 – 9 वर्ष की आयु के बच्चों की अधिगम आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए बुनियादी साक्षरता में मौखिक भाषा का विकास, शब्द भंडार लेखन,पढ़ने की आदत,ध्वनि बोध,समझ के साथ धाराप्रवाह पठन आदि संख्या ज्ञान में प्रारंभिक गिनती की अवधारणा मापन संख्या एवं संख्या संबंधी कार्य,आकार और स्थानिक समझ प्रमुख है। 3 से 9 वर्ष के बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या का ज्ञान से पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए निष्ठा प्रशिक्षण (नेशनल इनिशिएटिव फ़ॉर स्कूल हैड एंड टीचर्स होलीस्टिक डेवलपमेंट) 2 वर्षों से चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत ऑफलाइन/ ऑनलाइन प्रशिक्षण में शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए विभिन्न मॉड्यूल रखे गए हैं जो न केवल स्वयं अभिभावकों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे बल्कि छात्रों और छात्राओं को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाएगा।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के इन्हीं कार्यक्रमों में दिशा निर्देश के क्रम में डायट अल्मोड़ा में भी स्कूल रेडिनस कार्यक्रम ‘आरोही’ एवं 100 डेज रीडिंग कैम्पेन अभियान चलाया जा रहा है। ‘आरोही’ कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ.हेम चंद्र जोशी ने बताया कि बाल वाटिका में प्रवेश करने वाले एवं कक्षा एक में नव प्रवेशित बच्चों के लिए 90 दिनों का यह कार्यक्रम सीखने, पढ़ने और लिखने की बुनियादी दक्षताओं को प्राप्त करेगा। इसी प्रकार नई शिक्षा नीति 2020 को 100 डेज रीडिंग अभियान में भी जनवरी 2022 माह से अप्रैल 2022 तक पढ़ने की आदत 1 से 4 के बच्चों में कैसे विकसित की जाए इस पर डायट अल्मोड़ा में पूरे जनपद में 11 विकास खंडों के 107 संकुलों से 214 प्राथमिक शिक्षकों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जा रही है।

इस कार्यशाला में 4 मार्च को 6 विकासखंडों के 54 संकुल के 108 शिक्षक प्रतिभाग करेंगे। एवं 5 मार्च को शेष 5 विकासखंड के 53 संकुल के 106 शिक्षकों के साथ साथ समस्त 11 विकास खंडों के उप शिक्षा अधिकारी भी प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यशाला में 11 विकास खंड के 11 डायट केयर मेंटर भी शैक्षिक अनुसमर्थन के लिए प्रशिक्षण कर रहे हैं।


214 प्रतिभागी शिक्षक इसके जनपदीय कार्यशाला के उपरांत अपने अपने विकासखंड में भी समस्त भाषा के गणित के प्राथमिक शिक्षकों का अभिमुखीकरण करेंगे।
इस कार्यशाला में देहरादून से आए एससीईआरटी के राज्य समन्वयक/ पर्यवेक्षक डॉ. केएन विज्लवाण ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। डॉ.बिजल्वाण ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनकी मूलभूत शुरुआती भाषा एवं संख्या ज्ञान के कौशलों पर अध्यापक एवं अभिभावक दोनों ध्यान देंगे जिससे बच्चा मूलभूत भाषाई और गणितीय ज्ञान के मजबूत आधार के साथ जीवन में आगे बढ़ सके।
कार्यक्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र भट्ट द्वारा उद्घाटन करते हुए इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी पर वादित लक्ष्यों को पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। डायट प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सिंह ने सभी शिक्षकों को इस कार्यक्रम में बच्चों को शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने की बात कही। जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सत्यनारायण ने भी केंद्र एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुपालन की बात कही। कार्यक्रम में मुख्य संदर्भ दाता डॉ. हेम जोशी,डॉ. भुवन चन्द्र पांडेय,एमएस भंडारी, डॉ. दीपा जलाल,गोपाल गिरी गोस्वामी,के अलावा तमाम लोग मौजूद रहे।
निपुण भारत के कार्यक्रम स्कूल रेडिनेस ‘आरोही’ में सहयोगी संस्था ‘रूम टू रीड’ की जनपद संयोजक स्मृति गुप्ता भी सहयोगी रही हैं। 100 डेज रीडिंग अभियान की सहयोगी संस्था (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन) के संदीप
कुमार और सोनालिका भी सहयोग कर रहे है।

कार्यशाला में जीएस गैड़ा, एलएम पांडे,पुष्पा बोरा,डॉ. हरीश चंद्र जोशी,अशोक बनकोटी,अदिति,अभिनव,दीपक,नृपेंद्र,चंपा देवली,सुनीता देवी,दिनेश बिष्ट ,राजेन्द्र कुमार,इत्यादि लोग रहें।

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